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जानलेवा हो सकता है दिल का टूटना! क्या होता है हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम

हम सभी कहते हैं दिल टूटने की वजह से हार्ट ब्रेक होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीमारी में भी दिल टूटता है जिसे हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम कहते हैं।

Broken Heart Syndrome

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

आज कल की भाग दौड़ वाली जिंदगी में तनाव एक मुख्य कारण जिससे हर कोई परेशान है। स्ट्रेस की वजह से हम कई तरह की बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं। स्ट्रेस की वजह से डिप्रेशन और एंग्जायटी होती है लेकिन क्या आप जानते हैं ज्यादा स्ट्रेस की वजह से हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम हो सकता है। आइए जानते हैं हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम क्या होता है। इसके पीछे क्या कारण है।

 

आप भी सोच में पड़ गए ना कि प्यार में दिल टूटना तो सुना है लेकिन ये बीमारी में दिल टूटना क्या होता है। दरअसल हार्ट ब्रोकन डिजीज को टैकोत्सपबो सिंड्रोम और स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में बहुत ज्यादा फिजिकल और इमोशनल स्ट्रेस की वजह से हार्ट मसल्स कमजोर हो जाती हैं और इस वजह से हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम होने का मुख्य कारण

 

शरीर में स्ट्रेस हार्मोन के बढ़ने की वजह से ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम होता है। एड्रेनालाइन हार्मोन हार्ट की धमनियों को सिकोड़ देता है जिसकी वजह से मांसपेशियों में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचता है। इससे शरीर में तनाव पैदा होता है जिस कारण हृदय की मांस पेशियां कमजोर होने लगती हैं।

 

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण

 

  • छाती में दर्द होना
  • सांस लेने में परेशानी होना
  • पसीना आना
  • चक्कर आना

 

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हार्ट को कैसे रखें हेल्दी

 

रोजाना एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम होता है। रोजाना दिन में 30 मिनट एक्सरसाइज करना आपकी सेहत के लिए फायदमेंद होता है।  इससे आपका वेट कंट्रोल में रहता है, बल्ड प्रेशर का लेवल भी मेंटेन रहता है। एक्सरसाइज करने से आप स्ट्रेस के खतरे को भी कम कर सकते हैं।

 

वर्क स्ट्रेस को मैनेज करें- अगर आपको लंबे समय से एंजाइटी और डिप्रेशन है तो आपको ऑफिस में भी काम की वजह से स्ट्रेस रहेगा इसलिए कुछ-कुछ समय पर अपने काम से ब्रेक जरूर लें। इससे आप रिलेक्स महसूस करेंगे और काम का स्ट्रेस भी नहीं होगा।

 

डॉक्टर की सलाह लें- अगर आप तनाव से ग्रसित हैं तो डॉक्टर की सलाह लें। 

 

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध सामान्य जानकारी और डॉक्टर से बातचीत पर आधारित है। सही परामर्श के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

 

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