राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ पर पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इशारों में कहा कि लोगों को डर है कि अगर कोई और बड़ा हो गया तो उनका क्या होगा। अगर भारत बड़ा हो गया तो वे कहां रहेंगे? इसलिए उन्होंने टैरिफ लगा दिया।
संघ प्रमुख ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, 'ऐसे कदम आत्मकेंद्रित दृष्टिकोण का परिणाम हैं। हमने कुछ नहीं किया, वे उसी को खुश कर रहे हैं जिसने यह सब किया क्योंकि अगर यह उनके पास है, तो वे भारत पर थोड़ा दबाव डाल सकते हैं... यह सब 'मैं और मेरा' के खेल में होता है। जब वे समझ जाते हैं कि 'मैं और मेरा' वास्तव में 'हम और हमारा' है, तो सभी मुद्दे समाप्त हो जाते हैं। आज, दुनिया को एक समाधान की जरूरत है।'
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भारत मजबूत हुआ तो..
भागवत ने यह बातें नागपुर में ब्रह्माकुमारीज विश्व शांति सरोवर के सातवें स्थापना दिवस पर कहीं। उन्होंने कहा, 'दुनिया के लोग इस बात से भयभीत हैं कि अगर भारत मजबूत हुआ तो उनके साथ क्या होगा और उनकी स्थिति क्या होगी। इसीलिए भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगाए गए हैं। लेकिन हमने कुछ नहीं किया। जब आप सात समुद्र दूर हैं और कोई संपर्क नहीं है, तो डर क्यों?'
भागवत ने क्या कहा?
भागवत ने कहा, 'जब तक मनुष्य और राष्ट्र अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक वे समस्याओं का सामना करते रहेंगे। अगर हम करुणा दिखाएं और डर पर विजय पाएं, तो हमारा कोई शत्रु नहीं रहेगा। अगर मनुष्य अपना रवैया 'मैं' से 'हम' में बदल लें तो सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे।
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दुनिया समाधान खोज रही है
उन्होंने आगे का, 'आज दुनिया समाधान खोज रही है क्योंकि अपनी अधूरी दृष्टि की वजह से वह आगे बढ़ने का रास्ता नहीं खोज पा रही है। सिर्फ मैं के दृष्टिकोण के कारण उनके लिए रास्ता खोजना असंभव है।' भागवत ने कहा कि भारत विश्व की समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने और आगे का रास्ता दिखाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत महान है और भारतीयों को भी महान बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत बड़ा है.. भारत और बड़ा होना चाहता है। भागवत ने कहा कि भारतीयों में अपनेपन की प्रबल भावना होती है और वे अभाव के समय में भी खुश और संतुष्ट रहते हैं।
भारत के लोग क्यों संतुष्ट रहते हैं?
उन्होंने कहा, 'कोई कमी नहीं होनी चाहिए, लेकिन अगर है भी, तो समय आने पर बदल जाएगी। फिर भी, कठिनाई और दुःख में भी, यहां के लोग इसी अपनत्व की भावना के कारण संतुष्ट रहते हैं।' महिलाओं द्वारा संचालित आध्यात्मिक आंदोलन ब्रह्माकुमारीज की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस भी आंतरिक चेतना को जागृत करने के लिए उन्हीं की तरह काम करता है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क भी शामिल है। भारत सरकार ने इसे अनुचित और अविवेकपूर्ण कदम बताया है।