बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद एक बार फिर चर्चा में हैं। मायावती ने एक दिन पहले ही आकाश आनंद को BSP के सभी पदों से हटाने का फरमान जारी किया था। अगले दिन आकाश आनंद ने इस पर जो प्रतिक्रिया दी वह मायावती को बेहद नागवार गुजरी है। इसका नतीजा यह हुआ है कि मायावती ने एक के बाद एक करके कई ट्वीट किए हैं और आकाश आनंद को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। अब उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया है। यह हैरान करने वाला इसलिए है क्योंकि मायावती आमतौर पर अपने परिवार की बात सार्वजनिक मंच पर नहीं करती हैं। मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ का नाम भी लिखा है और कहा है कि आकाश आनंद अपने ससुर के प्रभाव में काम कर रहे थे। बताते चलें कि आकाश आनंद को दो बार BSP में पद दिए गए और अब उन्हें दूसरी बार भी पार्टी के बड़े पदों से हटा दिया गया है।
आकाश आनंद को हटाकर मायावती ने राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को BSP का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया है। वहीं, आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार को भी नेशनल कोऑर्डिनेटर पद दिया गया है। मायावती ने यह भी कहा है कि अब उनके जीते जी पार्टी में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। इससे पहले जब आकाश आनंद को BSP में लाया गया था तब उन्हें इसी तरह से पेश किया गया था कि वह पार्टी में मायावती के उत्तराधिकारी होंगे। हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी बयानबाजी के चलते मायावती ने उन्हें उनके पदों से हटा भी दिया था।
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मायावती ने क्या लिखा?
आज जब आकाश आनंद ने एक लंबी पोस्ट लिखकर अपना दुख व्यक्त किया तो मायावती ने भी सार्वजनिक मंच पर ही उन्हें जवाब भी दे डाला। मायावती ने अपने X पोस्ट में लिखा है, 'BSP की ऑल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मेच्योरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दंडित भी करती रही हूं।'
मायावती ने आगे लिखा है, 'अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परम्परा को निभाते हुए आकाश आनन्द को, उनके ससुर की तरह पार्टी व मूवमेन्ट के हित, में पार्टी से निष्कासित किया जाता है।' इससे पहले फरवरी महीने में ही मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
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आकाश आनंद ने क्या लिखा?
खुद के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद आकाश आनंद ने अपने X हैंडल पर लिखा, 'मैं परमपूज्य आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी का कैडर हूं और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं। ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं। आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं। आदरणीय बहन कु. मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।'
आकाश आनंद ने आगे लिखा था, 'कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है। यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।'