चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ धाम यात्रा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यह स्थान भगवान विष्णु को समर्पित है और इसकी पौराणिक कथा, ऐतिहासिक महत्व, पूजा विधि और यात्रा प्रक्रिया सभी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है और 04 मई को सुबह 06 बजे, मंत्रोच्चारण के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं।

पौराणिक कथा और इतिहास

बद्रीनाथ धाम की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां हजारों वर्षों तक तपस्या की थी। कहा जाता है कि उस समय यह क्षेत्र बेर के पेड़ों से ढका हुआ था, जिसे 'बदरी' कहा जाता था और इसलिए भगवान विष्णु को 'बदरीनाथ' कहा गया। आदि गुरु शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इस मंदिर की स्थापना की थी और यहां भगवान विष्णु की मूर्ति को स्थापित किया था। मंदिर की वर्तमान संरचना भी उसी काल की है।​

 

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पूजा का समय और शुल्क

बद्रीनाथ मंदिर में विभिन्न प्रकार की पूजाएं होती हैं, जिनके समय और शुल्क निम्नलिखित हैं:​

 

महाभिषेक पूजा: सुबह 4:30 से 6:30 बजे तक, शुल्क ₹4,700/-

अभिषेक पूजा: सुबह 4:30 से 6:30 बजे तक, शुल्क ₹4,500/-

वेद पाठ: सुबह 7:30 से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक, शुल्क ₹2,100/-

गीता पाठ: सुबह 7:30 से दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 3:00 से शाम 6:00 बजे तक, शुल्क ₹2,500/-

श्रीमद्भागवत सप्त पाठ: पूरे दिन, शुल्क ₹51,000/-​

 

पूजा के लिए उपस्थिति आवश्यक है और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।​

चार धाम यात्रा 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

चार धाम यात्रा 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन 20 मार्च 2025 से शुरू हो चुका है। रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। इस वर्ष, 60% रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन केंद्रों पर किए जाएंगे।​

 

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:

 

https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाएं।

'Register/Login' पर क्लिक करें और जरूरी जानकारी भरें।

आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।

रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, जिसे यात्रा के दौरान साथ रखना आवश्यक है।​

 

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बद्रीनाथ धाम कैसे पहुंचें

बद्रीनाथ धाम पहुंचने के लिए कई मार्ग उपलब्ध हैं:​

 

हवाई मार्ग: सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो बद्रीनाथ से लगभग 311 किमी दूर है।​

रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो बद्रीनाथ से लगभग 295 किमी दूर है।​

सड़क मार्ग: ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और जोशीमठ से बद्रीनाथ के लिए बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं। जोशीमठ से बद्रीनाथ की दूरी लगभग 45 किमी है।​

ठहरने की सुविधा

जोशीमठ और बद्रीनाथ में विभिन्न प्रकार के होटल, धर्मशालाएं और विश्राम गृह उपलब्ध हैं। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे आप अपनी यात्रा के लिए पहले से ही ठहरने की व्यवस्था कर सकते हैं।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।