राजस्थान के कोटपूतली में 3 साल की बच्ची चेतना बीते पांच दिनों से जमीन के 150 फीट अंदर फंसी हुई है। चेतना को बचाने के लिए NDRF, SDRF, स्थानीय प्रशासन, रैट माइनर्स, देसी जुगाड़ वाले एक्सपर्ट लगे हुआ हैं। लेकिन अभी तक यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया है। 

बोरवेल में गिरी चेतना को जमीन के अंदर से निकालने का अभियान शनिवार को भी जारी रहा। इस बीच चेतना की मां ने पूछा कि ‘अगर वह कलेक्टर मैडम की बेटी होती, तो क्या वह उसे इतने लंबे समय तक वहां रहने देतीं।’

मेरी बेटी को कुएं में छह दिन हो गए- मां

चेतना की मां ने कहा, 'मेरी बेटी को कुएं में छह दिन हो गए हैं। वह भूख और प्यास से तड़प रही है। उसे अभी तक बाहर नहीं निकाला गया है। अगर वह कलेक्टर मैडम की बच्ची होती तो क्या वह उसे इतने लंबे समय तक वहां रहने देतीं? कृपया मेरी बेटी को जल्द से जल्द बाहर निकालें।'

इस बीच बच्ची की मां धोली देवी बचाव दल में शामिल कर्मचारियों से उसकी बेटी को बाहर निकालने की लगातार गुहार कर रही हैं। उनका एक वीडियो शनिवार को सामने आया, जिसमें वह रोती हुई और हाथ जोड़कर बेटी को बाहर निकालने के लिये गुहार लगा रही हैं। यह वीडियो स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मदद से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों द्वारा लगातार चलाए जा रहे बचाव अभियान के बीच सामने आया।

चेतना 23 दिसंबर को खुले बोरवेल में गिरी

बता दें कि राजस्थान के कोटपूतली जिले की बडीयाली ढाणी में तीन साल की चेतना 23 दिसंबर को खेत में खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गई थी। बचाव दल में लगी टीम ने शुरू में लोहे के छल्ले की मदद से बच्ची को बोरवेल से निकालने की कोशिश की लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। दो दिन तक लगातार प्रयास करने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बुधवार सुबह मौके पर पाइलिंग मशीन लाई गई और समानांतर गड्ढा खोदा गया। शुक्रवार को बारिश के कारण बचाव अभियान बाधित हुआ और आज दो सदस्यीय टीम सुरंग खोदने के लिए कुएं में उतरी है। 

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने मीडिया को बताया, 'बोरवेल के पास समानांतर गड्ढा खोदकर एल आकार की सुरंग के जरिए चेतना तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। गड्ढे में उतरे एनडीआरएफ के दो जवान मैन्युअल ड्रिलिंग कर रहे हैं। हम उन्हें कैमरे पर देख रहे हैं। वे नीचे से जो उपकरण मांग रहे हैं, उन्हें भेजा जा रहा है।' 

हर संभव प्रयास जारी

वहीं, सरुंड के थानाधिकारी मोहम्मद इमरान ने बताया, 'हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार अभियान में जुटी हैं। कल बारिश के कारण काम बाधित हुआ।'यह अलग बात है कि समय बीतने के साथ बच्ची के स्वस्थ बचे होने की उम्मीद लगातार क्षीण होती जा रही है क्योंकि बचाव दल उसे खाने पीने का कोई सामान उपलब्ध नहीं करवा पाया है। डॉक्टरों की एक टीम एम्बुलेंस के साथ मौके पर है।

अधिकारियों की स्थिति पर नजर 

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल और अन्य प्रशासनिक अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दो हफ़्ते पहले, दौसा जिले में पांच साल का एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था और बचाव अभियान 55 घंटे से ज़्यादा चला था। हालांकि जब तक उसे बाहर निकाला गया तब तक वह जिंदगी की जंग हार चुका था।