सुखविंदर कौर के राधे मां बनने और विवादों में आने की कहानी
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• MUMBAI 07 Apr 2025, (अपडेटेड 07 Apr 2025, 5:28 PM IST)
पिछले कुछ सालों से चर्चा में नहीं दिखने वाली राधे मां एक समय पर हर चर्चा का विषय हुआ करती थीं। अलिफ लैला के इस एपिसोड में पढ़िए कि आखिर सुखविंदर कौर आगे चलकर राधे मां कैसे बनीं।

राधे मां की कहानी, Photo Credit: Khabargaon
मुंबई का बोरिवली इलाका, यहां एक घर में एक शाम एक पत्रकार को अजीब नज़ारा देखने को मिला। लाल कपड़ों में सजी-धजी एक महिला अपने भक्तों से जानवरों की आवाजें निकलवा रही थीं। कुछ लोग कुत्ते की तरह भौंक रहे थे तो कुछ बंदर की तरह चीख रहे थे। यह महिला कोई और नहीं बल्कि 'राधे मां' थीं, जिन्हें अपने भक्त देवी का अवतार मानते हैं। राधे मां - लगभग एक दशक पहले ये नाम मीडिया में खूब चला था। राधे मां पर कई आरोप लगे, शिकायतें दर्ज़ हुई। कुछ में छानबीन हुई, कुछ खारिज हो गए और धीरे-धीरे राधे मां सुर्ख़ियों से गायब हो गईं। हालांकि, राधे मां आज यानी साल 2025 में भी एक्टिव हैं। मुंबई में उनके बड़े आलीशान घर में दरबार लगता है और सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
मुकेरियां से मुंबई
अगस्त 2015 में मुंबई मिरर में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर है। उनका जन्म 1965 में पंजाब के गुरदासपुर जिले के दोरंगला गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार सुखविंदर कपड़े सिला करती थीं, फिर बहुत कम उम्र में उनकी शादी मोहन सिंह से हो गई, जो मुकेरियां, पंजाब के रहने वाले थे। शादी के वक्त सुखविंदर मात्र 17 साल की थीं। शादी के कुछ ही सालों में उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया। परिवार का खर्च चलाने के लिए उनके पति मोहन सिंह को खाड़ी देशों में काम करने के लिए जाना पड़ा और सुखविंदर अकेली रह गईं। उन्होंने धार्मिक आयोजनों में जाना शुरू किया। 23 उम्र के आसपास वह मुकेरियां के परमहंस से जुड़ी। महंत राम दीन दास उनके गुरु थे। राम दीन दास ने ही उन्हें ‘राधे मां’ नाम दिया धीरे-धीरे लोग उन्हें अपने घरों पर सत्संग के लिए बुलाने लगे। जैसे-जैसे उनकी ख्याति बढ़ी, उन्होंने देवी का रूप अख्तियार कर लिया।
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हाल में आई बीबीसी की एक रिपोर्ट में राधे मां की बहन बताती हैं कि बचपन से ही सुखविंदर अलग थीं। एक बार उनके पिता उन्हें एक गुरु के पास ले गए थे, जिन्होंने कहा था, 'यह कोई नॉर्मल बच्ची नहीं है। भगवती का स्वरूप है।' बहन के मुताबिक, गुरु ने सुखविंदर को एक मंत्र दिया था। खुद राधे मां के अनुसार, 'जब मैंने जपा तो मेरे को माता रानी का दर्शन हुआ', आउटलुक मैगजीन की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, राधे मां का दावा था- , '9 दिनों तक, मैंने खुद को एक छोटे से कमरे में बंद कर लिया और देवी दुर्गा की पूजा की। जब मैं बाहर आई तो जो भी मैंने लोगों को बताया वह सच हो गया। लोगों ने चमत्कार अनुभव करना शुरू किया और लोग मेरे सत्संग में आने लगे।'
पिछले दो दशक से राधे मां मुंबई में रहती हैं। मुकेरियां से राधे मां का सफर मुंबई तक कैसे पहुंचा, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन इंडिया टुडे की सितंबर 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, 2003-04 में फगवाड़ा में एक हिंदू संगठन ने उनके खिलाफ आवाज उठाई थी। आरोप था कि वह खुद को देवी दुर्गा का अवतार बता रही थीं। इसके बाद राधे मां ने मुंबई जाने का फैसला किया। दिल्ली के एक सत्संग में राधे मां की मुलाक़ात संजीव गुप्ता से हुई- जो मुंबई के मशहूर MM मिठाईवाला के ओनर, गुप्ता परिवार से आते हैं। धीरे-धीरे पूरा गुप्ता परिवार राधे मां का भक्त बन गया और वह उनके घर में ही रहने लगी।
राधे मां और संजीव गुप्ता
आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार, राधे मां की प्रसिद्धि का क्रेडिट भी संजीव गुप्ता को जाता है। गुप्ता 'ग्लोबल एडवरटाइजर' के मालिक हैं। शहर के प्रमुख स्थानों पर उनकी ही होर्डिंग्स लगी हुई हैं। इन्हीं होर्डिंग्स में राधे मां के दिव्य दर्शन का प्रचार देख राधे मां के पास भीड़ जुटनी शुरू हुई और आज राधे मां के फॉलोवर्स में कई धनी उद्योगपति, राजनेता, सेलिब्रिटीज शामिल हैं। फिल्मस्टार रवि किशन, और फिल्म निर्माता सुभाष घई भी राधे मां के भक्त कहे जाते थे। साल 2017 में राधे मां की एक फोटो बड़ी वायरल हुई थी। जिनमें वह दिल्ली के SHO संजय शर्मा की कुर्सी पर बैठी हुई दिखती हैं। बगल में संजय शर्मा हाथ जोड़कर खड़े दिख रहे थे।
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राधे मां के चमत्कारों का दावा करने वालों की संख्या सैकड़ों में हैं लेकिन विवादों से भी नाता रहा है और ऐसे ही एक विवाद के चलते 2015 में वह पहली बार सुर्ख़ियों का हिस्सा बनी थी।
मामला क्या था?
गुप्ता फैमली की बहू निक्की गुप्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। निक्की के अनुसार, उनकी शादी राधे मां ने ही अरेंज करवाई थी। बाद में राधे मां के कहने पर ससुराल वाले दहेज के लिए परेशान करने लगे। आउटलुक की रिपोर्ट में वह बताती हैं, 'मुझे उनके भवन में सेवा करने के लिए भेजा गया था और वह मेरे साथ नौकर जैसा व्यवहार करती थीं।' निक्की गुप्ता की शिकायत पर राधे मां, निक्की के पति नकुल गुप्ता और 6 अन्य लोगों पर केस दर्ज़ हुआ। निक्की गुप्ता हाई कोर्ट तक गई। अंत में मामला खारिज हो गया। बाद में गुप्ता फैमिली के हेड, मनमोहन गुप्ता, जिनके नाम पर MM मिठाईवाला का नाम है, उन्होंने भी राधे मां के नाम पर शिकायत दर्ज़ कराई।
मनमोहन गुप्ता का आरोप था कि राधे मां ने काले जादू का इस्तेमाल कर उनके बेटों को फंसाया और उनका बांग्ला हड़पने की कोशिश की। मनमोहन गुप्ता का 2022 में निधन हो गया था। इस केस के अलावा वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट ने भी राधे मां के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराई थी। इस केस में राधे मां पर अश्लीलता का आरोप लगाया गया था। दरअसल, उन दिनों ऐसी कई वीडियो वाइरल हुए थे, जिनमें राधे मां अपने पुरुष भक्तों के साथ नाच रही थीं और कई उन्हें अपने हाथों में उठा भी लेते थे। राधे मां पर तीसरा केस फगवाड़ा (पंजाब) के निवासी सुरिंदर मित्तल ने दर्ज़ कराया। मित्तल ने दावा किया था कि राधे मां ने उसे फुसलाने की कोशिश की थी, जब वह एक भक्त के रूप में आशीर्वाद लेने के लिए उनके पास गया था। सुरिंदर की याचिका पर सितंबर 2017 में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राधे मां के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश भी दिया था।
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ऐसा ही एक केस फिल्म कलाकार डॉली बिंद्रा ने भी दर्ज़ कराया था। डॉली बिंद्रा का दावा था कि राधे मां के उकसावे पर महिला भक्तों द्वारा उन्हें छूआ गया और चूमा गया था। बिंद्रा ने राधे मां के सहायक टल्ली बाबा पर भी आरोप लगाए। बकौल डॉली बिंद्रा, टल्ली बाबा धार्मिक सम्मेलनों में निर्वस्त्र होकर अपने प्राइवेट पार्ट्स दिखाते थे। टल्ली बाबा की कहानी अपने आप में काफी रोचक है। जिनका असली नाम गौरव कुमार था। टल्ली बाबा पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले थे। राधे मां के मुंबई शिफ्ट होने के कुछ ही दिन बाद वे भी मुम्बई आ गए। टल्ली बाबा का नाम कैसे पड़ा, इसके बारे में उनका कहना था, 'पंजाब में टल्ली मंदिर की घंटी को कहा जाता है। मैं भी माता की घंटी हूं मुझे बजाओ माता सुनेगी।'
2015-17 के आसपास की रिपोर्ट्स बताती हैं कि राधे मां के सारे कार्यक्रम टल्ली बाबा ही संभाला करते थे। राधे मां से मिलने वालों को पहले टल्ली बाबा से मिलना पड़ता था। जिसके बाद आत्म साक्षात्कार नाम की एक प्रक्रिया होती थी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार राधे मां एमएम मिठाईवाला के घर की छठी मंजिल पर रहा करती थीं। इसी फ्लैट की निचली मंजिल पर टल्ली बाबा रहा करते थे। इन तमाम मामलों के अलावा गुजरात के भाजपा विधायक वासन आहिर ने भी राधे मां पर आरोप लगाया था।
आरोप था कि गुजरात के कच्छ जिले में रघु जुरु नामक व्यक्ति ने राधे मां को एक करोड़ रुपये दान दिए। बाद में मजबूरी में पूरे परिवार ने अपनी जान ले ली थी। ऐसे तमाम आरोपों के चलते राधे मां कई महीनों तक मीडिया में छाई रहीं। फिर ओझल हो गईं। तमाम विवादों ने हालांकि उनकी लोकप्रियता पर ख़ासा असर डाला हो, ऐसा नहीं लगता। 2024 की आउटलुक की रिपोर्ट और पिछले दिनों बीबीसी की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि राधे मां आज भी एक्टिव हैं और आज भी सैकड़ों लोग उनके दरबार में शामिल होते हैं। आउटलुक से बातचीत में पुराने विवादों के बारे में वह कहती हैं, 'कोई भी बुरा अनुभव एक सीखने का बिंदु है। मैं उसके लिए बुरा नहीं चाहती लेकिन अंत में सच्चाई जीतती है।'
आजकल कहां हैं राधे मां?
जुलाई 2024 में आउटलुक मैगज़ीन में छपी श्वेता देसाई की रिपोर्ट के अनुसार, राधे मां इन दिनों बोरीवली के एक घर में रहती है। जिसे राधे मां भवन या सिंह हाउस के नाम से जाना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, राधे मां का कमरा किसी हिंदू पौराणिक टीवी सीरीज के सेट जैसा है। कमरे में लाल रंग का एक बेड है। लाल-सुनहरे डिज़ाइनर गाउन में राधे मां, लाल लिपस्टिक, माथे पर लाल टीका और बिंदी लगाए रहती हैं। उनके दाहिने हाथ में एक सोने का त्रिशूल होता है। कमरे में प्रवेश करने पर, बाहरी लोगों को एक लाल हेडबैंड पहनना होता है, जिस पर सोने में 'जय श्री राधे मां' लिखा होता है।
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बीबीसी से बातचीत में वह आज भी चमत्कार करने का दावा करती हैं। उनके अनुसार जब कोई भक्त उनके पास आता है, तो उन्हें एक अजीब सा संवेदन होता है। राधे मां कहती हैं, 'मेरा ना एक पॉइंट है इधर (माथे की तरफ इशारा करते हुए)। वहां ना टिंगलिंग टिंगलिंग टिंगलिंग टिंगलिंग होती है। जब कोई कोई श्रद्धा लेकर आता है कि राधे मां मेरे लिए मेरे कष्टों को हरेगी। तो मुझे अपने आप ही टिंग टिंग टिंग टिंग टिंग टिंग होने लग जाता है।'
उनके मिलने वाले लाखों करोड़ों के चढ़ावे पर राधे मां का कहना है, 'हां मैं सच बोलती हूं। मैं परवाह नहीं करती। यह सच है। चमत्कार को नमस्कार है। अदरवाइज बंदा 1 रुपये भी किसी को नहीं चढ़ाता।' राधे मां के चमत्कार पर भरोसा करने वाले और उन्हें ढोंगी कहने वाले, आज भी अपने दावे पर कायम है। आउटलुक की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल एडवर्टाइजर्स में एक लीगल ऑफिसर विपिन अहुजा का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें बता दिया था कि उनके बच्चा नहीं हो सकता लेकिन राधे मां के आशीर्वाद से उनकी दो बेटियां हुईं।
MM मिठाईवाला के मैनेजर जसदीप सिंह कहते हैं कि वह राधे मां की वजह से घोर गरीबी से उबर पाए हैं। MM मिठाईवाला का ओनर गुप्ता परिवार आज भी सिंह हाउस में स्वयंसेवा करता है। दूसरी तरफ, वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट, जिन्होंने 2015 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी आज भी अपने आरोप कायम हैं। आउटलुक की रिपोर्ट में वह कहती हैं, 'राधे मां का घर ठगों का अड्डा है। राधे मां और उनके नजदीकी लोग धर्म की आड़ में गरीब, कमजोर लोगों का फायदा उठाते हैं। वह लोगों को ठगती हैं, खुद को धर्मगुरु के रूप में पेश करके धर्म का दुरुपयोग करती हैं।'
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फाल्गुनी की PIL हालांकि कोर्ट ने खारिज कर दी थी। वहीं कई शिकायतों पर FIR भी दर्ज़ नहीं हुई। ब्रह्मभट्ट के अनुसार, राधे मां के आसपास का गुट उन्हें लम्बे समय से बचाता रहा है। ठीक उसी तरह जैसे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह या आसाराम बापू जैसे लोग लम्बे समय तक बचते रहे। खुद राधे मां के अनुसार, वह बाकी बाबाओं की तरह धन संपत्ति जोड़ने के लिए कुछ नहीं कर रही। उनका कहना है, 'सिद्धांत है कि मैं आश्रम या मंदिर नहीं बनाऊंगी। मैं अपने अनुयायियों से बहुत संतुष्ट हूं। मेरे बच्चों ने मेरे लिए यह बड़ा घर बनाया है और मैं जो कुछ भी है उससे खुश हूं।'
राधे मां के सारे धार्मिक कार्यक्रम उनकी बड़ी बहू आयोजित करती हैं। उनके अनुसार सारा चढ़ावा एक चैरिटेबल सोसायटी को जाता है और उससे गरीबों की मदद की जाती है। हालांकि, राधे मां पर ऐसे भी आरोप हैं कि परोपकार की आड़ में लोगों को डरा-धमाका और लालच दिखाकर चुप रखा जाता है। वर्तमान में राधे मां अपने पूरे परिवार के साथ बोरीवली के सिंह हाउस में रहती हैं। उनके पति मोहन सिंह दहिसर में RM (राधे मां) मोटर्स के मालिक हैं। भक्त उन्हें डैडी के नाम से जानते हैं। मोहन सिंह ने मुकेरियां में राधे मां का मंदिर भी बनवाया हुआ है। जिसकी देखरेख राधे मां की बहन करती हैं।
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राधे मां के दोनों बेटों के नाम हैं- भूपिंदर सिंह उर्फ बंटी और हरजिंदर सिंह उर्फ निशु। दोनों की शादी बिजनेस फैमिलीज़ में हुई है। दोनों BNH ट्रेडर्स नाम की कंपनी चलाते हैं। हरजिंदर एक्टिंग भी करते हैं और हाल में रणदीप हुड्डा के साथ 'इंस्पेक्टर अविनाश' नामक एक सीरीज में OTT डेब्यू कर चुके हैं। परिवार का दावा है कि राधे मां का उनके परिवार के साथ भक्तों वाला रिश्ता है।
राधे मां का दरबार आज भी लगता है। महीने में दो बार माता की चौकी लगती है। सैकड़ों लोग इनमें शामिल होते हैं। बीबीसी की रिपोर्टर दिव्या आर्य बताती हैं कि इन आयोजनों में कई बार अजीब नज़ारे देखने को मिलते हैं। राधे मां अपने भक्तों से बन्दर की, कुत्ते की आवाज निकालने को कहती हैं। उनकी बहु के अनुसार ये सब राधे मां के एंटरटेनमेंट के लिए होता है। इस पॉइंट पर आगे शायद अब कुछ कहने को रह नहीं जाता।
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