सीतामढ़ी: देवी सीता की जन्मभूमि में BJP कितनी मजबूत?
देवी सीता की जन्मभूमि माने जाने वाले सीतामढ़ी जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 4 पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं, दो सीटें जेडीयू के पास हैं।

सीतामढ़ी जिला, Photo Credit: Khabargaon
बिहार के सीतामढ़ी जिले का इतिहास त्रेता युग तक जाता है। माना जाता है कि यहीं पर देवी सीता का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि जब मिथिला के राजा जनक भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए खेत जोत रहे थे, तब मिट्टी के घड़े से सीता प्रकट हुई थीं। उनके जन्म के बाद राजा जनक ने यहां एक कुंड भी बनवाया था। उनकी शादी के बाद राजा जनक ने यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां भी स्थापित की थीं। इसे आज 'जानकीकुंड' कहा जाता है। यह कुंड जानकी मंदिर के पश्चिम में है, जिसे 'पुनौरा धाम' के नाम से जाना जाता है।
हालांकि, समय के साथ यह जगह जंगल में बदल गई। लगभग 500 साल पहले एक संन्यासी बीरबल दास ने इस जगह की खोज की। वह अयोध्या से आए थे। उन्होंने इस जगह को साफ करवाया तो उन्हें यहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां मिलीं। इसके बाद उन्होंने यहां पर एक मंदिर बनवाया।
सीतामढ़ी 53 साल पहले ही नया जिला बना है। यह पहले मुजफ्फरपुर जिले का हिस्सा था। 11 दिसंबर 1972 को इसे मुजफ्फरपुर से अलग कर नया जिला बनाया गया था। इसका मुख्यालय डुमरा में स्थित है, जो सीतामढ़ी से 5 किलोमीटर दूर दक्षिण में है।
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राजनीतिक समीकरण
सीतामढ़ी विधानसभा राजनीतिक लिहाज से एनडीए के लिए सबसे सुरक्षित जिलों में से एक है। इस जिले में 8 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 6 विधानसभा सीटों पर एनडीए का कब्जा है। चार सीटें बीजेपी और दो सीटें जेडीयू के पास हैं।
सीतामढ़ी की 8 विधानसभा सीटों में से 3 तो 2008 में परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई हैं। यह तीन सीटें- रीगा, परिहार और बाजपट्टी है। रीगा और परिहार में जहां बीजेपी का कब्जा है तो वहीं बाजपट्टी 2020 के चुनाव में आरजेडी के पास चली गई थी।
बथनाहा विधानसभा सीट में अब तक हुए तीनों चुनावों में बीजेपी के अनिल कुमार की जीत हुई है। परिहार में भी तीन चुनाव हुए हैं और तीनों ही बार बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की। सुरसंड विधानसभा में कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू जीतती आ रही है। सीतामढ़ी विधानसभा में बीजेपी अब तक 5 बार जीत चुकी है। 2020 में बीजेपी के मिथिलेश कुमार ने यहां से जीत हासिल की थी। रुन्नीसैदपुर में भी पिछले 6 चुनाव में से 3 बार आरजेडी और 3 बार जेडीयू की जीत हुई है। बेलसंड में 2020 के चुनाव में आरजेडी ने जबरदस्त वापसी करते हुए जेडीयू की सुनीता सिंह चौहान को हरा दिया था।
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विधानसभा सीटें
- रीगा: यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी। 2010 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। अब तक हुए तीन चुनावों में से दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस जीती है। अभी बीजेपी के मोतीलाल प्रसाद यहां से विधायक हैं। मोतीलाल प्रसाद नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं।
- बथनाहा: शुरुआत में यह सामान्य सीट थी लेकिन 2010 में इसे अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित किया गया था। इस सीट पर अब तक 14 बार चुनाव हो चुके हैं। पिछले तीन चुनाव से यहां बीजेपी जीत रही है। तीन बार से बीजेपी के अनिल कुमार यहां से विधायक बन रहे हैं।
- परिहार: 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर अब तक तीन बार- 2010, 2015 और 2020 में चुनाव हुए हैं। तीनों ही बार यहां से बीजेपी जीत रही है। अभी यहां से गायत्री देवी विधायक हैं। गायत्री देवी यहां से 2010 में विधायक रह चुके राम नरेश की पत्नी हैं।
- सुरसंड: इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। अब तक 8 बार कांग्रेस यहां से जीत चुकी है। वहीं, जनता दल, आरजेडी और जेडीयू भी 7 बार जीत चुकी है। अभी इस सीट से जेडीयू के दिलीप कुमार राय विधायक हैं। दिलीप कुमार पहले MLC हुआ करते थे।
- बाजपट्टी: 2008 में बनी इस सीट पर अब तक तीन बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 2020 में यहां बड़ा उलटफेर हो गया था। दो बार से लगातार जीत रही जेडीयू को हार का सामना करना पड़ा था। अभी यहां से आरजेडी के मुकेश कुमार विधायक हैं। मुकेश कुमार ने पहली बार चुनाव लड़ा था।
- सीतामढ़ी: इस सीट पर अब तक 15 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 5 बार बीजेपी जीती है। 2020 में बीजेपी ने इस सीट पर आरजेडी को हराकर वापसी कर ली थी। पहली बार चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था।
- रुन्नीसैदपुर: यहां अब तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। कभी यहां कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था। 2000 के बाद से तीन-तीन बार आरजेडी और जेडीयू यहां से जीत चुकी है। जेडीयू के पंकज कुमार मिश्रा ने आरजेडी की मंगिता देवी को हरा दिया था।
- बेलसंड: 1996 का उपचुनाव मिलकर इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। पिछले चार चुनावों में 2 बार आरजेडी और 2 बार जेडीयू जीती है। 2020 में आरजेडी के संजय कुमार गुप्ता इस सीट से दूसरी बार विधायक बने थे। उन्होंने जेडीयू की सुनीता सिंह को हराया था।
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जिले की प्रोफाइल
सीतामढ़ी जिले की कुल आबादी 34.23 लाख है। यहां 5 नगर पालिका, 3 अनुमंडल, 17 ब्लॉक और 848 गांव हैं। जिले का क्षेत्रफल 2,294 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या घनत्व 1,472 प्रति वर्ग किलोमीटर है। जिले में 1000 पुरुषों पर महिलाओं की जनसंख्या 885 है। यहां की साक्षरता दर 52.05% है।
कुल सीट- 8
मौजूदा स्थिति
BJP-4
JDU-2
RJD-2
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