BWF वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2025 में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी का सुनहरा सफर थम गया है। इस भारतीय जोड़ी को सेमीफाइनल में चीन के लियांग वेई केंग और वांग चांग से हार का सामना करना पड़ा है।
सात्विक-चिराग ने पहला गेम जीत लिया लेकिन इसका फायदा नहीं उठा पाए और 1 घंटे 3 मिनट तक चले सेमीफाइनल मुकाबले में 21-10, 17-21 13-21 से हार गए। सात्विक और चिराग ने ग्रुप स्टेज में चीन की इस जोड़ी को हराया था लेकिन प्रतिद्वंद्वी जोड़ी ने अहम मौके पर बाजी पलट दी।
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हार के बाद चिराग ने यह कहा
चीनी जोड़ी से हार के बाद चिराग शेट्टी ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमने पहले गेम में काफी अच्छी शुरुआत की लेकिन मुझे लगता है कि दूसरे गेम में उन्होंने थोड़ा बेहतर खेल दिखाया और हम पहले गेम की जीत का फायदा नहीं उठा पाए।'
भारतीय जोड़ी ने पहले गेम ने 9-6 की बढ़त बनाई, जिससे ब्रेक तक वह 4 पॉइंट्स से आगे थी। सात्विक-चिराग ने रैलियों पर मजबूत पकड़ बनाए रखी। लगातार 8 पॉइंट्स की बढ़त ने उन्हें 10 पॉइंट्स से बढ़त दिला दी। उन्होंने चीन के खिलाड़ियों के नेट पर शॉट लगाने से पहला गेम जीत लिया। चीन के खिलाड़ियों ने दूसरे गेम में अच्छी सर्विस और सटीक शॉट्स की मदद से 6-3 की बढ़त ले ली, जिसमें भारतीय जोड़ी की गलतियों का भी हाथ रहा।
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थकान के चलते हारे सात्विक-चिराग
चीनी जोड़ी 17-15 से आगे थी लेकिन चिराग की रणनीतिक समझ ने भारत को 17-19 पर पहुंचा दिया। सात्विक का पैरों के बीच से शॉट लंबा चला गया जिससे चीन को तीन गेम पॉइंट्स मिल गए। लियांग के शॉट से चीन की जोड़ी ने गेम जीतकर 1-1 से बराबरी हासिल की। तीसरे और निर्णायक गेम की शुरुआत में वांग चांग शानदार फॉर्म में थे, जबकि लियांग ने स्मैश की बारिश कर दी और चीन 6-1 की बढ़त पर पहुंच गया।
सात्विक-चिराग को फ्लिक सर्व समझने में दिक्कत हुई, जिसके चलते वे 2-10 से पीछे हो गए। ब्रेक के बाद यही सिलसिला जारी रहा और स्कोर 2-14 हो गया। उन्होंने 11-19 तक वापसी की लेकिन चीन की जोड़ी ने इसे अपने नाम कर जीत हासिल की।
हार के बाद चिराग ने माना कि तीसरे गेम तक वे थक चुके थे। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम उतने सटीक नहीं थे और काफी थके हुए भी थे। कल रात हम ढाई बजे सोए थे। जब तक हमारा मैच खत्म हुआ, तब तक लगभग 12 बज चुके थे। मुझे लगता है कि तीसरा गेम निश्चित रूप से बहुत तेज था क्योंकि हम पहले दो गेम जितनी फुर्ती नहीं दिखा सके। पहले दो गेम में स्मैश बहुत जोरदार थे। ऐसा लग रहा था कि उन स्मैश में बहुत ज्यादा ताकत थी और तीसरे गेम में हम वह ताकत नहीं लगा सके।'
